श्री विश्वकर्मा आरती- जय श्री विश्वकर्मा प्रभु (Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti in Hindi) - Bhakti lok
श्री विश्वकर्मा आरती- जय श्री विश्वकर्मा प्रभु (Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti in Hindi) -
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता
रक्षक स्तुति धर्मा ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा ।
आदि सृष्टि मे विधि को
श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में
ज्ञान विकास किया ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा ।
ऋषि अंगीरा तप से
शांति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का
सकल सिद्धि आई ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा ।
रोग ग्रस्त राजा ने
जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर
दूर दुःखा कीना ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा ।
जब रथकार दंपति
तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना
विपत सगरी हरी ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा ।
एकानन चतुरानन
पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज
सकल रूप साजे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा ।
ध्यान धरे तब पद का
सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे
अटल शक्ति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा ।
श्री विश्वकर्मा की आरती
जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी
सुख संपति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता
रक्षक स्तुति धर्मा ॥
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