बर्बरीक ने जहाँ पर दिया अपना शीश का दान
श्याम नाम दे गए इन्हे जहाँ श्री कृष्ण भगवन
वो चुलकाना नगरी पावन और बड़ी महान
आज भी वो पीपल है जहाँ पत्तों पर छिद्र निशान
तेरे बाणो की जब तक निशानी रहे
साड़ी दुनिया तेरी ही दीवानी रहे , दीवानी रहे
सारे तेरे सहारे बाबा श्याम हमारे .........
तुमसे देने जगत में ना पाया
संग रहता सदा बन के साया
तेरा चुलकाना धाम जिसका वेदों में नाम
दान की तेरे हर दम कहानी रहे , कहानी रहे
सारे तेरे सहारे बाबा श्याम हमारे .........
कितनी पावन वो नगरी है प्यारी
जहाँ ली गई परीक्षा तुम्हारी
तू है कितना महान दिया शीश का दान
है पुरानी अमर ये ज़ुबानी रहे , ज़ुबानी रहे
सारे तेरे सहारे बाबा श्याम हमारे .........
तूने धीरज दिया बन सहारा
प्रेम से सबको तूने निहारा
प्रीति आई है द्वार करे ये ही पुकार
प्रेम की बहती यूँ ही रवानी रहे , रवानी रहे
सारे तेरे सहारे बाबा श्याम हमारे ........
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