Nazar Nazar Mein Fark | नज़र नज़र में फर्क | Latest Chetawani Bhajan by Mukesh Bagda with Lyrics - BhaktiLok
Nazar Nazar Mein Fark | नज़र नज़र में फर्क | Latest Chetawani Bhajan by Mukesh Bagda with Lyrics
नज़र सुधरे नज़र बिगाड़े नज़र की बात बताता हूँ नज़र नज़र में फर्क है कितना जो समझा बतलाता हूँ सीढ़ी नज़र पड़ी अर्जुन पर सारथी बनकर साथ दिया तिरछी नज़र दुर्योधन पर तो कुरुवंश का नाश किया नज़र नहीं पर नज़र पे पर्दा कैसे पड़ा बताता हूँ नज़र नज़र में फर्क है कितना जो समझा बतलाता हूँ नज़र किया जब लंकापति ने रतन जड़ित उस माला को नज़र ना आये राम कहीं पर उस अंजनी के लाला को खोज रही थी नज़र राम को माला में बतलाता हूँ नज़र नज़र में फर्क है कितना जो समझा बतलाता हूँ नज़र उठाकर मदद मांगती भरी सभा में वो नारी नज़र गड़ी धरती में सबकी खींचे दुशासन साडी चीयर बढ़ा पर नज़र ना आया किसने किया बताता हूँ नज़र नज़र में फर्क है कितना जो समझा बतलाता हूँ नज़र का इतना असर के वो पत्थर को तोड़ गिराती है अच्छी नज़र तो पुजवा दे हो बुरी तो सर फुड़वाती है नज़र से गिरना नज़र में उठना समझो तो समझाता हूँ नज़र नज़र में फर्क है कितना जो समझा बतलाता हूँ जग की नज़र में इस जीवन में भले नहीं बन पाओगे पद गई उसकी एक नज़र तो भव सागर तर जाओगे नज़र करे नर पे नारायण आशीर्वाद दिलाता हूँ नज़र नज़र में फर्क है कितना जो समझा बतलाता हूँ
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