माता के द्वार पर जाओ चाहे नाम जपो घर बैठे भजन इन हिंदी लिरिक्स

Deepak Kumar Bind

माता के द्वार पर जाओ चाहे नाम जपो घर बैठे भजन इन हिंदी लिरिक्स



माता के द्वार पर जाओ चाहे नाम जपो घर बैठे,

माँ सुनती है मन की बोली,

करो याद कही पर बैठे,

माता के द्वार पर जाओ चाहे नाम जपो घर बैठे,


शुद वान गंगा का जल श्री चरणों से बेहता बेहता,

अर्ध्कवारी से दरबार का आधा रस्ता रेहता,

हाथी मथे की पथरीली कठिन चडाई ,

माँ के पास पोंछ जाए राही जय माता की केहता,

सिर उसका रहे सदा उचा आंबे जिसके सिर बैठे,

माता के द्वार पर जाओ चाहे नाम जपो घर बैठे,


यु तो वैष्णम माँ का है पर्वत उपर डेरा,

लेकिन मैया करते अपने भगतो बीच बसेरा,

झोली भरती विपदा हरती करती दूर अँधेरा,

बिन बोले भी ध्यान उसे रेहता है तेरा मेरा,

माँ उसकी भूल को बक्शे कोई भुला अगर कर बैठे,

माता के द्वार पर जाओ चाहे नाम जपो घर बैठे,


बच्चो को माँ प्यारी लगती माँ को बच्चे प्यारे,

नेह लगाये कंठ लगाये सब की और निहारे,

आँखों में आंसू लेकर क्यों मन से उसे पुकारे,

करने को दुःख दूर स्वयम आ जाती उसके द्वारे,


जो माता की जय बोले उनको न कोई दर बैठे,

माता के द्वार पर जाओ चाहे नाम जपो घर बैठे !!



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