लाल द्व्जा लहराए रे जिस घर के ओ शिखरा भजन इन हिंदी

Deepak Kumar Bind

 लाल द्व्जा लहराए रे जिस घर के ओ शिखरा 

 

लाल द्व्जा लहराए रे जिस घर के ओ शिखरा,

सब संकट मिट जाए रे सब संकट मिट जाए रे ओ घर से ओ मित्रा,

|| लाल द्व्जा लहराए रे जिस घर के ओ शिखरा ||


जिस घर पे ये द्व्जा लहराए,

वाहा पे खुशिया ही खुशिया आये,

उस घर से मिट जाए रे फिर तंगी का फिकरा,

|| लाल द्व्जा लहराए रे जिस घर के ओ शिखरा ||


बजरंग बली की ध्वजा निराली,

भाग जाग गये जिस ने लगा ली,

खूब किरपा बरसाए रे मिट जाए रे फिकरा,

|| लाल द्व्जा लहराए रे जिस घर के ओ शिखरा ||


अष्ट सीधी नव निधि के दाता,

सब पे किरपा खूब लुटाता,

शिभु मौज उडाये रे ध्वजा लगा के शिखरा,

|| लाल द्व्जा लहराए रे जिस घर के ओ शिखरा ||




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