आ गईआ आ गईआ साहणु भवना तो चिठिया आ गईआ भजन इन हिंदी लिरिक्स

Deepak Kumar Bind

आ गईआ आ गईआ साहणु भवना तो चिठिया आ गईआ भजन इन हिंदी लिरिक्स



आ गईआ आ गईआ साहणु भवना तो चिठिया आ गईआ,

पा गईआ प् गईआ साडे दिला विच ठण्ड देखो पा गईआ,

सदा माँ दा है आया साहणु माँ ने बुलाया,

दाती होई है दयाल आया साडा भी ख्याल अज चेहरे ते लालिया छा गईआ,

आ गईआ आ गईआ साहणु भवना तो चिठिया आ गईआ,


चीरा तो सी आस साहणु दाती दे दीदार दी अज ओ घडी ऐ आई ऐ,

सुते ने नसीब साडे हूँ जाग जान गे कर्म किता महा माई ऐ,

दिल ख़ुशी विच झूमे चिठ्ठी घड़ी घड़ी झूमे

दिता माँ ने दिलासा पूरी किती हर आशा साडे सुते होए भाग जगा गईआ,

आ गईआ आ गईआ साहणु भवना तो चिठिया आ गईआ,


दिल वाले दुखड़े सुनावा गे मैया नु सारे सिर ओहदे सजदे च धर के,

अम्ब्डी दे दर उतो  असी ते लै आवा गे झोलिय मुरादा नल भर के,

कर देवे कल्याण दाती बड़ी देया वान,

किता गमा ने सी चूर दुःख होए सारे दूर हर पासे सुख बरसा गईआ,

आ गईआ आ गईआ साहणु भवना तो चिठिया आ गईआ,


हथ बन दर ते करा गे एहो अर्जी साहणु कदे दिल चो बुलाई न,

तिलक अम्बाले वाला आउंदा दरबार जीवे हर साल सहनु भी बुलाई माँ,

मुहो जय जय माँ दी केह के नाल कमल नु लैके,

तुसी आना दरबार तुहाडा होवेगा उधार सहनु एहनी गल समजा गईआ,

आ गईआ आ गईआ साहणु भवना तो चिठिया आ गईआ !! 

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