|| राम धुन गाई के गोपाल धुन गाये के ||
|| राम धुन गाई के गोपाल धुन गाये के ||
तुलसी मगन ब्यो राम धुन गाये के गोपाल धुन गाये के,
कोई चड़े हाथो घोडा पालकी सजाई के,
कोई साधू चले नंगे पाओ चीटिया बचाई के,
|| राम धुन गाई के गोपाल धुन गाये के ||
कोई खाए सिरा पुरी हलवा मंगाई के,
साधु खाए रुखा सुखा श्याम को धराये के,
|| राम धुन गाई के गोपाल धुन गाये के ||
नो हॉवे न्याल धन मान पान खाई के,,
नाल्यो भयो तुलसी चित राम ने लगाई के।
|| राम धुन गाई के गोपाल धुन गाये के ||
तुलसी मगन बहो राम धुन गाई के,
|| राम धुन गाई के गोपाल धुन गाये के ||
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