|| नि मैं द्वार मैया दे जाना ||
|| नि मैं द्वार मैया दे जाना ||
गल पा के सुहा वाना मैं तेरी जोगन हो गई,
सब तो सोहना माँ दा द्वारा लगदा सारे जग तो न्यारा,
माँ दी दर दी शान निराली दर तो जाए न कोई खाली,
एथो ही सब कुछ पाना,
|| नि मैं द्वार मैया दे जाना ||
मेनू चड़ेया माँ दा रंग मैं ता होगी,
मस्त मलंग मैं ता होगी माँ दी दीवानी,
गावा भेट बनी मस्तानी तेरे बाजो किस नु सुनाना,
|| नि मैं द्वार मैया दे जाना ||
चंचल मैं ता माँ दी हो गई,
ओहदी ममता दे विच खो गई,
होर न कुझ भी चंगा लगदा,
की करना इस झूठे जग दा,
तेरे रंग विच मैं रंग जाना,
|| नि मैं द्वार मैया दे जाना ||
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