ये भाग्य अभागे का जगा दो हे राम जी भजन इन हिंदी

Deepak Kumar Bind

|| ये भाग्य अभागे का जगा दो हे राम जी ||


ये भाग्य अभागे का जगा दो हे राम जी


ये भाग्य अभागे का जगा दो हे राम जी
करुणानिधान भोग लगा दो हे राम जी

शबरी के मीठे बेर ये तंदुल विदुर के हैं
ठुकरा ना देना इनको ये दो टूक दिल के हैं
अम्रित मेरे भोजन को बना दो हे राम जी
करुणानिधान..........

अर्पण है प्रभू आपको ये भेंट दास की
ज्योती जलाये बैठा हूँ मुद्दत से आस की
कब आयोगे ये बात बता दो हे राम जी
करुणानिधान...........

कहतें हैं कोई आप सा दीलेर नहीं है
प्रभू आप के घर देर है अन्धेर नहीं है
हो कितने दयावान दिखा दो हे राम जी
करुणानिधान..........

जो रूठोगे प्रभू तो मैं भी रूठ जायुंगा
खाओगे नहीं तुम जो तो मैं भी ना खायुंगा
ये ज़िद है मेरी आज पुगा दो हे राम जी
करुणानिधान............

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