भजन: बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ - Bhajan: Beta Bulaye Jhat Daudi Chali Aaye Maa - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind



बेटा भुलाये झट दौड़ी  चली आये माँ

बेटा भुलाये झट दौड़ी  चली आये माँ
अपने बच्चो के आंसू देख नही पाए माँ

वेद पुराणों में भी माँ की महिमा का बखान है
जो भी झुकता माँ चरणों में इसने रचा जहां है
देव ऋषि भी ना समज पाए ऐसी लीला रचाये माँ
बेटा भुलाये झट दौड़ी  चली आये माँ...

संकट हरनी वरदानी माँ सबके दुखड़े दूर करे
शरण में आये दीं दुखी की माँ विनती पूरी करे
सारा जग जिसको ठुकरा दे उसको गले लगाये माँ
बेटा भुलाये झट दौड़ी  चली आये माँ..

बिगड़ी तेरी बात बने गई माँ की महिमा तेरी गा के  देख
खुशियों से भर जाए गा तू झोली तो फैलाके देख
झोली छोटी पड़ जाती है देने पर जब आये माँ
बेटा भुलाये झट दौड़ी  चली आये माँ

कबसे तेरी कचेहरी में लिख के देदी अर्जी
अपनले चाहे ठुकरा दे आके तेरी मर्जी
लखा सरल हाथ जोड़े जो भी हुकम सुनादे माँ
बेटा भुलाये झट दौड़ी  चली आये माँ



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