शिव का तांडव अर्थ साहित (shiv ka taandav Arth Sahit lyrics in hindi)
शिव तांडव स्तोत्र:
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेवलम्बितांभोरुहंणालिंघनं च य:।
विष्णुं च शंकरं च य: प्रपद्ये सदा शुभे
शिवशंकरं महादेवं तं नम: तं नम:।।
अर्थ:
यह शेर शिव के तांडव की महिमा का वर्णन करता है, जिसमें उनके जटाजूट से जल की धारा बहती है, गले में मणि और कालगहनों की माला है, और वे भगवान विष्णु के साथ समर्पण के पात्र हैं।
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