महाकुंभ के पवित्र जल में, मोक्ष का मार्ग (mahaakumbh ke pavitr jal mein, moksh ka maarg lyrics in hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 महाकुंभ के पवित्र जल में, मोक्ष का मार्ग (mahaakumbh ke pavitr jal mein, moksh ka maarg lyrics in hindi)


(1)

महाकुंभ के पवित्र जल में,

सजता है आस्था का संसार।

सूरज की किरणें गंगधारा में,

जगाती हैं मन में उजियार।।


धारा की गूँज, मंत्रों का संग,

हर कण में है दिव्यता का रंग।

महाकुंभ के पवित्र जल में,

मोक्ष का मार्ग, मोक्ष का मार्ग।


(2)

हरिद्वार की घाटियों में,

गूँजती है आरती की पुकार।

साधु-संतों का संगम यहाँ,

भरता है दिल में विश्वास अपार।।


माटी की महक, दीपों का प्रकाश,

हर लहर में है प्रभु का आभास।

महाकुंभ के पवित्र जल में,

मोक्ष का मार्ग, मोक्ष का मार्ग।


(3)

डुबकी लगाओ श्रद्धा से,

भूल जाओ जीवन का भार।

पाप मिटे, मन निर्मल हो,

पाओ प्रभु का सच्चा दरबार।।


भक्ति का गीत, प्रेम का संदेश,

हर हृदय में जागे नया परिवेश।

महाकुंभ के पवित्र जल में,

मोक्ष का मार्ग, मोक्ष का मार्ग।


(4)

चेतना का प्रकाश है यहाँ,

हर धर्म का सम्मान।

संगम की इस भूमि पर,

मिलता है जग का वरदान।।


सत्य की राह, कर्म का दीप,

हर आत्मा में भरता है संगीत।

महाकुंभ के पवित्र जल में,

मोक्ष का मार्ग, मोक्ष का मार्ग।

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