आणो पड़सी सेठ सावरां भगता की अरदास है लिरिक्स
आणो पड़सी सेठ सावरां,भक़्ता की अरदास है
अर्जी सुणकर आवगो तु , सगलां नै विश़्वास है
जब जब कोई काम पड़ ह , टाबर तेरा याद करै ।
म्हारे घर को मालिक ह तु ,थासूं ही फरियाद करै ।
और ना कोई म्हान सूझै, बस एक थारी आश है
आणो पड़सी सेठ सावरां, भक़्ता की अरदास है
देर घणी मत करिये बाबा, धीरज छूटयो जावं ह ।
बेगो बेगो अब तो आजा, मन म्हारो घबराव ह ।
दुनिया की तो जाणूं कोनी, तू तो म्हारो खास है
आणो पड़सी सेठ सावरां, भक़्ता की अरदास है
एक थारै आने से बाबा सगलां सकंट कट जासी ।
अटकी नैया चाल पडे़गी, सौदो म्हारो पट जासी ।
म्हारै तो सुख दुंखं की दवाई, बाबा थारै पास है
आणो पड़सी सेठ सावरां, भक़्ता की अरदास है ||
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