दादी का साचा दरबार महिमा मां की अपरंपार (dadi ka saccha darbar mahima ma ki apram paar yeh meri dadi ki daya Lyrics in Hindi)

Deepak Kumar Bind


दादी का साचा दरबार महिमा मां की अपरंपार (dadi ka saccha darbar mahima ma ki apram paar yeh meri dadi ki daya Lyrics in Hindi)


दादी का सांचा दरबार

महिमा मां की अपरंपार

मां की शरण जो आन परा

दादी जी ने किया उपकार

उसके खुले करम ओह (×2)

ये मेरी दादी की दया

संकट हुऐ की खत्म

ये मेरी दादी की दया



दादी ने जद थाम लिया,

उसका हर एक काम किया (×2)

दुनिया से उम्मीद नहीं

खाता है दादी का दिया

मिट गए सभी भरम

ये मेरी दादी की दया


नींदों में मां आती है

सिर पे हाथ फिराती है(×2)

कहने की दरकार नहीं,

बिन मांगे दे जाती है(×2)

भर गये सभी ज़ख्म

ये मेरी दादी की दया


किरपा मां की सदा रहे

आना जाना लगा रहे

स्वाति का अरमान यही

मैं उनकी वह मेरी रहे

हर्ष रुके ना कदम

यह मेरी दादी की कृपा


Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !