सुनो सुनो जग वालों दत्तात्रेय उपदेश(suno suno jag vaalo duttatrey updesh lyrics in hindi) - bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 सुनो सुनो जग वालों दत्तात्रेय उपदेश(suno suno jag vaalo duttatrey updesh lyrics in hindi)



सुनो सुनो जग वालों, दत्तात्रेय उपदेश,

दीक्षा गुरू हो एक, जीवन में, शिक्षा-गुरू अनेक।।


प्रारब्ध अनुसार ही मिलता, मानव जन्म विशेष।

करता जा शुभ कर्म तु बन्दे, रहो जग से निरलेप।।

अन्तर्यामी ईश्वर हरि, हर, कर्म रहा है देख ।

सुनों सुनों जग..


आशा तृष्णा धन का संग्रह अरू जगत मोह माया।

विषय भोग अरू नित नारी संग, गाले कंचन काया।।

भज गोविन्दम्, भज गोविन्द ही सुख देत ।

सुनों सुनों जग


जग की हर जड़ चेतन वस्तु, में है अद्भुत ज्ञान।

छुपे हुए इस ज्ञान को विरला, गुरूजन ही सके जान।।

गुरू ही हर उलझन सुलझावे, काटै कष्ट कलेश ।

सुनों सुनों जग


शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गन्ध है पांच विषय जग माहिं।

‘‘मधुप’’ हरि इन पांचो से ही, गुरू बिना गति नाहिं।।

चौबीस गुरूओं की दत्तात्रेय, ली इसी लिये टेक ।

सुनों सुनों जग.. ।


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