श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी (Shri Krishna Govind Hare Murari Mantra in Hindi) - भक्तिलोक

Deepak Kumar Bind

 

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी (Shri Krishna Govind Hare Murari Mantra in Hindi) -

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
श्री नाथ नारायण वासुदेव
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
श्री नाथ नारायण वासुदेव

यादव जन नित्य उक्त श्रद्धा रख्ति
जन्म संसार बंधनातुर भगवंत
यादव जन नित्य उक्त श्रद्धा रख्ति
जन्म संसार बंधनातुर भगवंत

वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम्
देवकी परमानंदं कृष्णं वंदे जगद्गुरु

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी (Shri Krishna Govind Hare Murari Mantra in Hindi) - भक्तिलोक

  "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी का महत्व":-

"श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" एक प्रमुख हिन्दू भजन है जो भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति में गाया जाता है। यह भजन हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा और भक्ति में उदाहरणीय है। इसमें भक्त क्रिष्ण को 'गोविन्द' (गायों का स्वामी), 'हरे' (हे) और 'मुरारी' (मायाओं को नष्ट करने वाले) कहकर पुकारता है।

"श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" का महत्व निम्नलिखित है:

  1. भगवान की स्तुति: यह भजन भगवान कृष्ण की महिमा का गान करता है और भक्ति भाव से उनकी पूजा करता है। भक्त इस भजन के माध्यम से अपने मन, वचन, और क्रियाओं से भगवान की स्मृति में रहता है।

  2. मोक्ष की प्राप्ति: इस भजन में भगवान कृष्ण को मुरारी (मायाओं को नष्ट करने वाले) कहा गया है, जिससे यह सूचित होता है कि भगवान के सामर्थ्य से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  3. भक्ति और साधना: यह भजन भक्ति और साधना का मार्ग दिखाता है। भक्त इसे गाकर अपनी आत्मा को भगवान के साथ जोड़ने का प्रयास करता है।

  4. सुख-शांति का स्रोत: इस भजन का गायन करने से भक्त को मानसिक शांति और आनंद का अहसास होता है। यह उसे जीवन की समस्याओं से मुक्ति प्रदान करता है।

  5. सामाजिक एकता: यह भजन सभी वर्ण, जाति, और धर्मों के लोगों को एक सामाजिक प्लेटफ़ॉर्म पर मिलाकर भगवान के प्रति एकता भाव को बढ़ावा देता है।

इस प्रकार, "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" भजन का गायन भक्ति और आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।


"श्री कृष्ण भगवान के आराधना भजन का अद्भुत सांग":-

"श्री कृष्ण भगवान के आराधना भजन" कई रूपों में हो सकते हैं और इनमें से कुछ बहुत ही अद्भुत सांगों में आते हैं जो उनकी महिमा और भक्ति का अनुभव कराते हैं। यहाँ कुछ अद्भुत श्री कृष्ण भगवान के आराधना भजनों का उल्लेख है:

  1. हे गोविंद हे गोपाल: यह भजन भगवान कृष्ण के रूप, लीला, और महिमा की महत्वपूर्ण बातें उजागर करता है और भक्तों को भगवान की आराधना में उत्साहित करता है।

  2. राधे राधे बरसाने वाली राधे: इस भजन में भक्ति और प्रेम की भावना होती है और भक्त राधा कृष्ण के प्रेम लीला को याद करता है।

  3. श्याम तेरे भरोसे मेरा परिवार है: यह भजन भक्त को भगवान के परिवार के साथी बनाता है और भक्ति के माध्यम से जीवन की अनुभवशीलता को बढ़ावा देता है।

  4. बनमाली राधा रानी: इस भजन में राधा रानी की कृपा और प्रेम की बातें होती हैं और भक्त को उनकी आराधना में लीन करता है।

  5. मेरे सोने सवरन: यह भजन भक्त को भगवान के सौंदर्य और महिमा की ओर मोक्ष करता है और उसे भगवान की आराधना में पूर्णता की दिशा में प्रेरित करता है।

ये भजन अलग-अलग भक्ति संप्रदायों और संस्कृति के अनुसार हो सकते हैं, लेकिन सभी में एक सामान्य उद्देश्य होता है - भगवान के प्रति भक्ति और प्रेम का अभिवादन करना।


"भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति":-

भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति कई रूपों में हो सकती हैं:

  1. पूजा और आराधना: भक्ति का सबसे सामान्य रूप है पूजा और आराधना। भक्त भगवान कृष्ण की मूर्ति, प्रतिमा, या चित्र की पूजा करता है और उनके सामने अपनी भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति करता है।

  2. भगवद गीता के अध्ययन: भगवद गीता में भगवान कृष्ण द्वारा दी गई उपदेशों का अध्ययन भी एक प्रकार की भक्ति है। भक्त गीता के शिक्षाओं के माध्यम से भगवान के प्रति अपनी सेवा और समर्पणा का अभिव्यक्ति करता है।

  3. कीर्तन और भजन: भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति का एक आदर्श रूप कीर्तन और भजन हैं। भक्त भगवान कृष्ण की महिमा और लीलाओं का गान करता है और इसके माध्यम से अपनी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करता है।

  4. सेवा और दान: भक्ति का अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण रूप सेवा और दान है। भक्त अपने जीवन में अल्पहित (सेवा) और दान के माध्यम से अपना प्रेम और समर्पणा दिखाता है।

  5. भागवत साक्षात्कार: कुछ भक्त अपने आत्मज्ञान और भगवान के साक्षात्कार के माध्यम से अपने प्रेम और भक्ति को व्यक्त करते हैं। इसमें भक्त भगवान के साथ अपनी अद्भुत और अद्वितीय संबंध को महसूस करता है।

भक्ति और प्रेम का अभिव्यक्ति व्यक्ति को भगवान के साथ एकता में लाने में मदद करता है और उसे जीवन के सार्थक और धार्मिक मुद्दों में मार्गदर्शन करता है।


"श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी के लाभ और मार्गदर्शन":-

"श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" भजन का गायन और सुनना हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय प्रथा है। इस भजन के लाभ और मार्गदर्शन के कुछ पहलुओं को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है:

  1. भक्ति में समर्पण: "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" का गायन और सुनना भक्ति में समर्पण का एक अद्वितीय तरीका है। इस भजन के माध्यम से भक्त अपना मन, वचन, और क्रिया भगवान के समर्थन में लगाता है।

  2. आत्मा की शान्ति: "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" का सुनना और गाना आत्मा को शान्ति और सुकून प्रदान करने में मदद कर सकता है। भगवान के नाम का जाप और स्मरण आत्मा को परम शान्ति की अनुभूति कराता है।

  3. धार्मिक जीवन का मार्गदर्शन: इस भजन में भगवान कृष्ण के विभिन्न नामों का जाप होता है, जिससे धार्मिक जीवन का मार्गदर्शन होता है। भक्त इसके माध्यम से धार्मिकता, नैतिकता और सद्गुणों का अनुसरण करता है।

  4. सामाजिक एकता और सहयोग: यह भजन भगवान के साथ सामाजिक एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है। लोग इसे एक साथ गाते हैं और इसके माध्यम से समर्थन और साझा करने का अभिवादन करते हैं।

  5. भगवान के साथ संबंध का अनुभव: "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" के गाने के माध्यम से भक्त भगवान के साथ अपने आत्मा का अनुभव कर सकता है और भगवान के साथ आत्मिक संबंध की अनुभूति कर सकता है।

इस प्रकार, "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" भजन का गाना और सुनना भक्ति, आत्मा के संबंध, और सामाजिक साझेदारी को मजबूत करने में मदद कर सकता है।

"श्री कृष्ण भगवान के भजन से मन को शांति प्राप्ति":-

"श्री कृष्ण भगवान के भजन से मन को शांति प्राप्ति" का अनुभव करना हिन्दू धर्म में एक प्रमुख और प्रिय ध्यान-प्रणाम का तरीका है। भगवान कृष्ण के भजनों का सुनना और गाना मन को शांति, सुकून, और आत्मिक संबंध में सहायक हो सकता है:

  1. आत्मा के साथ संबंध: श्री कृष्ण भगवान के भजनों का सुनना मन को आत्मा के साथ एकता में लाता है। भक्ति के माध्यम से, मन भगवान के साथ अपना अनुभव करने और उससे जुड़ने का प्रयास करता है।

  2. ध्यान और चित्त शुद्धि: भगवान कृष्ण के भजन ध्यान और चित्त को शुद्धि की दिशा में मदद कर सकते हैं। इसका सुनना और गाना मन को चिंता से मुक्त करने और एकाग्रता प्राप्त करने में सहायक होता है।

  3. भाग्यशाली रहने का आदान-प्रदान: भगवान के भजन सुनना और गाना मन को शांति और आनंद में रखकर भाग्यशाली रहने का आदान-प्रदान कर सकता है। यह भक्त को सकारात्मकता और धन्यवाद की भावना में ले जाता है।

  4. कर्म और जीवन के साथ संतुलन: भगवान के भजन सुनकर मन को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे कर्मों में और जीवन की चुनौतियों में सामंजस्य बना रह सकता है।

  5. दया, सहानुभूति, और प्रेम: भगवान के भजन मन में दया, सहानुभूति, और प्रेम की भावना पैदा कर सकते हैं। यह भक्ति को आपसी संबंधों में सहानुभूति और प्रेम का अहसास कराता है।

श्री कृष्ण भगवान के भजनों का सुनना और गाना भक्ति में स्थायिता और आनंद की भावना को उत्तेजित कर सकता है, जिससे व्यक्ति जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है।

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