कन्हैया ले चल परली पार ( कीर्तन )(kanhaiya le chal parli paar lyrics in hindi)
कन्हैया ले चल परली पार ( कीर्तन )
सांवरिया ले चल परली पार,
जहां बिराजे राधा रानी अलबेली सरकार।
सांवरिया ले चल..
गुन अवगुन सब तेरे अर्पण, पाप पुण्य सब तेरे अर्पण।
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण, ये जीवन भी तेरे अर्पण।
मैं तेरे चरनों की दासी, तुम मेरे प्राण आधार।
सांवरिया ले चल..
तेरी आस लगा बैठी हूं, लज्जा शील गंवा बैठी हूं।
आंखे खूब पका बैठी हूं, अपना आप लुटा बैठी हूं।
सांवरिया मैं तेरी रागनी, तू मेरा मल्हार।
सांवरिया ले चल..
जग की कुछ परवाह नहीं है, अब कोई बाकी चाह नहीं है।
चारों तरफ छाया अंधेरा, सूझती कोई राह नहीं है।
मेरे प्रीतम मेरे माझी कर दो बेड़ा पार।
सांवरिया ले चल..
आनन्दघन जहां बरस रहा है, पत्ता पत्ता हर्ष रहा है।
पी पी कर कोई करस रहा। ‘हरि’ बेचारा तरस रहा है।
बहुत हुई अब हार चुकी मैं, मत छोड़ो मंझधार।
सांवरिया ले चल.. ।
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