आरती अंजनी नंदन की पवन सुत कष्ट निकंदन की (aarti anjani nandan ki pawan sut kasht nikandan ki Lyrics in Hindi)

Deepak Kumar Bind

आरती अंजनी नंदन की पवन सुत कष्ट निकंदन की (aarti anjani nandan ki pawan sut kasht nikandan ki Lyrics in Hindi)


आरती अंजनी नंदन की ,पवन सुत कष्ट निकंदन की


स्वर्ण की आभा बज्र शरीर, सकल गुण धाम शिरोमणि वीर,

बसे हिये राम धरे धनु तीर,

रूद्र को रूप, चरित्र अनूप, सूरन को भूप, रामसेवक जगवंदन की।

आरती अंजनी नंदन........


लांघ शत योजन सागर पार, सिया सुधि लाये असुरन मार,

भई सब जग में जय जयकार,

वीर बड़बंक, बड़ो निस्संक, फूंक दई लंक, असुरदल भुजबल खंडन की।

आरती अंजनी नंदन........


किया रावण सुत शक्ति पात, लखन जी गिरे मूर्छा खात,

राम जी विकल भये लखि भ्रात,

संजीवन आन, दिया जी दान, उदय नहीं भान, कालनेमि छल भंजन की।

आरती अंजनी नंदन........


हुआ भारत में युद्ध महान, अर्जुन के परम मित्र हनुमान,

विराजे आय ध्वजा बलवान,

प्रबल प्रताप, अरि रहे कांप, चले नही चाप, गदा लखि राघवरंजन की।

आरती अंजनी नंदन........


जानकी सो पायो वरदान, अजर हो अमर महा बलवान,

करें बहु कृपा राम भगवान,

रटूं नित नाम, सवारो काम, मिलादो राम, हरि मन कलिमल गंजन की।

आरती अंजनी नंदन........


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