हरि मोह पै नज़रे कर्म करो (Hari Moh Pai Najre karm karo Lyrics in Hindi) -
हरि मोह पै नज़रे कर्म करो ,
सब जग छोड़ शरण में आयो ,
सर पर हाथ धरो।।
यह जग बैरी पड़ो है ,
बहु विधि नाच करो।
सर पर काम ,काम में वासना ,
हिरदे कपट भरो।
विषय बेलि फलयो फल लागा ,
मन चाखत न टरो।
चलत फिरत सुमिरन करे मनवा ,
बैठ भजन न करो।
छूट गई सब आरती पूजा ,
जप-माला न फिरो।
‘‘मधुप’’ कुञ्ज मैं कागा बोलत ,
चित न हंस धरो।
गुरुदेव भव-भंजन स्वामी ,
किस विध पार करो।
हरि मोह पै नज़रे कर्म करो...||
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