तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया (Tere Darshan Se Mera Dil Khil Gaya Lyrics in Hindi) - Jain Bhajan:-
तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया (Tere Darshan Se Mera Dil Khil Gaya Lyrics in Hindi) -
तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया
मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||
आतम के सुज्ञान का सुभान हो गया
भव का विनाशी तत्वज्ञान हो गया ||
तेरी सच्ची प्रीत की यही है निशानी
भोगों से छूट बने आतम सुध्यानी
कर्मों की जीत का सुराज मिल गया
मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||
तेरे तेरी परतीत हरे व्याधियाँ पुरानी
जामन मरण हर दे शिवरानी प्रभो
सुख शान्ति सुमन आज खिल गया
‘के’ मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||
तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया
मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||
ज्ञानानंद अतुल धन राशि
सिद्ध समान वरूँ अविनाशी
यही सौभाग्य शिवराज मिल गया
मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||
तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया
मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||
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