तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया (Tere Darshan Se Mera Dil Khil Gaya Lyrics in Hindi) - Jain Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया (Tere Darshan Se Mera Dil Khil Gaya Lyrics in Hindi) - Jain Bhajan:-

तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया (Tere Darshan Se Mera Dil Khil Gaya Lyrics in Hindi) - Jain Bhajan - Bhaktilok

तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया (Tere Darshan Se Mera Dil Khil Gaya Lyrics in Hindi) - 


तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया

मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||

आतम के सुज्ञान का सुभान हो गया

भव का विनाशी तत्वज्ञान हो गया ||


तेरी सच्ची प्रीत की यही है निशानी

भोगों से छूट बने आतम सुध्यानी

कर्मों की जीत का सुराज मिल गया

मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||


तेरे तेरी परतीत हरे व्याधियाँ पुरानी

जामन मरण हर दे शिवरानी प्रभो 

सुख शान्ति सुमन आज खिल गया

‘के’ मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||


तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया

मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||


ज्ञानानंद अतुल धन राशि

सिद्ध समान वरूँ अविनाशी

यही सौभाग्य शिवराज मिल गया

मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||


तेरे दरशन से मेरा दिल खिल गया

मुक्ति के महल का सुराज्य मिल गया ||


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