जागृत रहना नगर में चोर आवेगा लिरिक्स (Jagrat Rahna Nagar Me Chor Aavega In Hindi) - New Bhakti Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

जागृत रहना नगर में चोर आवेगा लिरिक्स (Jagrat Rahna Nagar Me Chor Aavega In Hindi) - 


।। दोहा ।।

आये हैं तो जाएगा

राजा रंक फ़क़ीर 

एक सिंघासन चढ़ी चले 

एक बांधे जंजीर।।


चोर आवेगा नगर में 

होशियार रहना रे 

नगर में चोर आवेगा।

जाग्रत रहना रे 

नगर में चोर आवेगा।

चोर आवेगा नगर में 

होशियार रहना रे 

नगर में चोर आवेगा।


तीर तोप तलवार ना बरछी 

न बंदुक चलावेगा।

आवत जावत कहू ना दिखे 

घर में राड़ मचावेगा।

होशियार रहना रे 

नगर में चोर आवेगा।।


ना गढ़ तोड़े ना गढ़ फोड़े 

ना कोई रूप दिखावेगा।

इस नगरी से कोई काम नहीं है 

तुझे पकड़ ले जावेगा।

होशियार रहना रे 

नगर में चोर आवेगा।।


भाई बंधू और कुटम्ब कबीला 

कोई काम नहीं आएगा।

ढूंढे पता मिले नहीं तेरा 

खोजी खोज नहीं पायेगा।

होशियार रहना रे 

नगर में चोर आवेगा।।


मुट्ठी बाँध के आया रे पगले 

हाथ पसारे जाएगा।

कहे कबीर सुने भाई साधो 

करनी का फल पायेगा।

होशियार रहना रे 

नगर में चोर आवेगा।


  • ⇨Title : Jagrat Rahna Nagar Me Chor Aavega
  • ⇨Album : Sant Sandesh
  • ⇨Singer : Prakash Gandhi
  • ⇨Music : Gandhi Brothers
  • ⇨Lyrics : Sant Kabirdas
  • ⇨Music Label : Power Music Company
  • ⇨Category : Bhajan




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