हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी केस जलै ज्यूं घास दोहे का अर्थ(Haad Jalai Jyu Lakadi Kes Jalai jyu Ghas Dohe Ka Arth Hindi Me)

Deepak Kumar Bind

 

हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी केस जलै ज्यूं घास दोहे का अर्थ(Haad Jalai Jyu Lakadi Kes Jalai jyu Ghas Dohe Ka Arth Hindi Me):-


हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी, केस जलै ज्यूं घास।
सब तन जलता देखि करि, भया कबीर उदास।

 

हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी केस जलै ज्यूं घास दोहे का अर्थ(Haad Jalai Jyu Lakadi Kes Jalai jyu Ghas Dohe Ka Arth Hindi Me)


हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी केस जलै ज्यूं घास दोहे का अर्थ(Haad Jalai Jyu Lakadi Kes Jalai jyu Ghas Dohe Ka Arth Hindi Me):-

यह नश्वर मानव देह अंत समय में लकड़ी की तरह जलती है और केश घास की तरह जल उठते हैं। सम्पूर्ण शरीर को इस तरह जलता देख, इस अंत पर कबीर का मन उदासी से भर जाता है।




Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !