सभी गणेश भजन - सुख कर्ता दुःख हर्ता | जय गणेश जय गणेश देवा | ॐ गं गणपतये नमो नमः | आज बुधवार है | गणेश अमृतवाणी | गणेश अमृतवाणी | घर में पधारो गजानंद जी | गणपति अथर्वशीर्ष -
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सुख कर्ता दुःख हर्ता (Sukh Karta Dukh Harta Lyrics in Hindi) -
सुख करता दुख हर्ता, वार्ता विघ्नाची |
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ||
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची |
कंठी झलके माल मुकताफळांची ||
जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा |
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ||
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा |
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ||
जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना |
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ||
दास रामाचा वाट पाहे सदना |
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना ||
जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को |
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को ||
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को |
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को ||
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी |
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी ||
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी |
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी ||
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे |
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे ||
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे |
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे ||
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय गणेश जय गणेश देवा (Jay Ganesh Jay Ganesh Deva lyrics in Hindi) -
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी
माथे सिंदूर सोहे, मूस की सवारी
माथे सिंदूर सोहे, मूस की सवारी
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी
माथे सिंदूर सोहे, मूस की सवारी
माथे सिंदूर सोहे, मूस की सवारी
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
सुर शाम शरण आये सफल कीजे सेवा
सुर शाम शरण आये सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
बिनन की लाज राखो शंभू सूत वारी
बिनन की लाज राखो शंभू सूत वारी
कामना को पूरा करो जग बली हारी
कामना को पूरा करो जग बली हारी
बिनन की लाज राखो शंभू सूत वारी
बिनन की लाज राखो शंभू सूत वारी
कामना को पूरा करो जग बली हारी
कामना को पूरा करो जग बली हारी
बिनन की लाज राखो शंभू सूत वारी
कामना को पूरा करो जग बली हारी
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
ॐ गं गणपतये नमो नमः (Om Gan Ganpataye Namo Namah Lyrics in Hindi) -
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
आज बुधवार है गणपत जी का वार है (Aaj Budhavar Hai Lyrics in Hindi) -
आज बुधवार है,
गणपत जी का वार है
ये सच्चा दरबार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,
वक्रतुण्ड है, महाकाय है,
एकदंताय कहलाते हैं,
एकदंताय कहलाते हैं,
रिद्धि सिद्धि को देने वाले,
सबके कष्ट मिटाते हैं,
सबके कष्ट मिटाते हैं,
महिमा अपरम्पार है,
गणपत जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,
शिव शंकर ने क्रोध में आकर,
इनके शीश को काटा है,
इनके शीश को काटा है,
पार्वती की विनती पर फिर,
गज का शीश लगाया है,
गज का शीश लगाया है,
इनकी जय जय कार है,
गणपत जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,
परशुराम से युद्ध हुआ तब,
फरसा इनपर मारे हैं,
एक दाँत फिर टूट गया तो,
एक दन्त कहलाते हैं,
एक दन्त कहलाते हैं,
गणपत जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,
लाडू पेड़ा मोदक मेवे,
बप्पा जी को भाता है,
उनकी मुरादें पूर्ण हो जो,
इनको भोग चढ़ाता है,
इनको भोग चढ़ाता है,
करते भव् से पार हैं,
गणपत जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,
गणेश अमृतवाणी (Ganesh Amritawani Lyrics in Hindi) -
विघ्न विनाशक गणराय भये से मुक्त करे
इस्कि दया से भक्तन के भाव से ना तारे
पार्वती ललाना का मान से भजन तू कर्ता जा
करुणा की इस मुरत से मन वंचित फाल तु पा
जीसके घर मैं गनराय के नाम का दीप जले
जिंकपे करुणा स्वयंवर करे गौरी सुत महाराज
पलक झपकते ही अनके सिद्ध हो जाते हैं काज
जय जय श्री गणेश
जय गणपति गणेश
मिटि के है हम बन गणपति प्राण स्वरूप
वो है राचइया हम रचना व सूरज हम धुप
सदा समरपं भव से जयं गणपति पश्य
जीवन गथरी का तुमको कस्त ना देगा भर
नर नारायण ऋषि मुनि जिस्का मन ना करे
दीन हें के वो स्वामी घडी मैं पाप हरे
गुन गौरव और ज्ञान की गंगा गपती प्रीत
इस्सके साधक को जग मेरा कल साके ना जीत
जय जय श्री गणेश
जय गणपति गणेश
आदी सिद्धिया हाय जिस्की सेवा करे दिन बारिश
उसके चरण सरोज से जड़े रहिये नैन
मन मंदिर मैं तू बस अम्बा लाल गणेश
कस्त नास्त हो जयेंगे मिटेंगे सकले कलश
त्रिभुवन के इस नाथ का चित्त से चितन कर
जनम जनम की पेदा तेरी जयगी है
सागर है प्रभु प्रेम का प्यासा बन कर देख
अमरत मय हो जायेंगे बडी और विवेक
जय जय श्री गणेश
जय गणपति गणेश
घट्ट घट्ट की जनता शिव नंदन भगवान
चरन शरण मैं जाऊ को सहि स्वर ते है दया निधान
दीन का शुक विशद को हरता गणपति जाप
एक दन्त केँ अचन सी डरते दुःख संताप
कसद भाँगुर तु बुलबुल जो सोपान की बात
एसे तू झाड़ जइगा जइसे वृक्षा से पात
नश्येलाता दया धरम गजानन से सीक
शंकर सुत से मांगल सत्त गुनो के भायख
जय जय श्री गणेश
जय गणपति गणेश
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो (Ghar Me Padharo Gajanan Ji Lyrics in HIndi) -
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा मेरे घर में पधारो
राम जी आना लक्ष्मण जी आना
संग में लाना सीता मैया
मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी...
ब्रम्हा जी आना विष्णु जी आना
भोले शंकर जी को ले आना
मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी...
लक्ष्मी जी आना गौरी जी आना
सरस्वती मैया को ले आना
मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी...
विघन को हरना मंगल करना
कारज शुभ कर जाना
मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी...
ॐ नमस्ते गणपतये (Om Namaste Ganapataye Lyrics in Hindi) -
ॐ नमस्ते गणपतये।
त्वमेव प्रत्यक्षं तत्त्वमसि
त्वमेव केवलं कर्ताऽसि
त्वमेव केवलं धर्ताऽसि
त्वमेव केवलं हर्ताऽसि
त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्माऽसि
त्व साक्षादात्माऽसि नित्यम।।1।।
ऋतं वच्मि। सत्यं वच्मि 2
अव त्व मां। अव वक्तारं।
अव श्रोतारं। अव दातारं।
अव धातारं। अवानूचानमव शिष्यं।
अव पश्चातात्। अव पुरस्तात्।
अवोत्तरात्तात्। अव दक्षिणात्तातत्।
अवचोर्ध्वात्तात।। अवाधरात्तात्।।
सर्वतो मॉं पाहि-पाहि समंतात।।3।।
त्वं वाङ्मयस्त्वं चिन्मय:।
त्वमानंदमसयस्त्वं ब्रह्ममय:।
त्वं सच्चिदानंदाद्वितीयोऽसि।
त्वं प्रत्यक्षं ब्रह्माऽसि।
त्वं ज्ञानमयो विज्ञानमयोऽसि।।4।।
सर्वं जगदिदं त्वत्तो जायते।
सर्वं जगदिदं त्वत्तस्तिष्ठति।
सर्वं जगदिदं त्वयि लयमेष्यति।
सर्वं जगदिदं त्वयि प्रत्येति।
त्वं भूमिरापोऽनलोऽनिलो नभ:।
त्वं चत्वारि वाक्पदानि।5।।
त्वं गुणत्रयातीत: त्वमवस्थात्रयातीत:।
त्वं देहत्रयातीत:। त्वं कालत्रयातीत:।
त्वं मूलाधारस्थितोऽसि नित्यं।
त्वं शक्तित्रयात्मक:।
त्वां योगिनो ध्यायंति नित्यं।
त्वं ब्रह्मा त्वं विष्णुस्त्वं
त्वं रुद्रस्त्वं इंद्रस्त्वं अग्निस्त्वं
वायुस्त्वं सूर्यस्त्वं चंद्रमास्त्वं
ब्रह्मभूर्भुव:स्वरोम।।6।।
गणादि पूर्वमुच्चार्य वर्णादिं तदनंतरं।
अनुस्वार: परतर:। अर्धेन्दुलसितं।
तारेण ऋद्धं। एतत्तव मनुस्वरूपं।
गकार: पूर्वरूपं। अकारो मध्यमरूपं।
अनुस्वारश्चान्त्यरूपं। बिन्दुरुत्तररूपं।
नाद: संधानं। स हितासंधि:
सैषा गणेश विद्या। गणकऋषि:
निचृद्गायत्रीच्छंद:। गणपतिर्देवता।
ॐ गं गणपतये नम:।।7।।
एकदंताय विद्महे।
वक्रतुण्डाय धीमहि।
तन्नो दंती प्रचोदयात्।।8।।
एकदंतं चतुर्हस्तं पाशमंकुशधारिणम।
रदं च वरदं हस्तैर्विभ्राणं मूषकध्वजम।
रक्तं लंबोदरं शूर्पकर्णकं रक्तवाससम।
रक्तगंधाऽनुलिप्तांगं रक्तपुष्पै: सुपुजितम।।
भक्तानुकंपिनं देवं जगत्कारणमच्युतम।
आविर्भूतं च सृष्टयादौ प्रकृते पुरुषात्परम।
एवं ध्यायति यो नित्यं स योगी योगिनां वर:।।9।।
नमो व्रातपतये। नमो गणपतये।
नम: प्रमथपतये।
नमस्तेऽस्तु लंबोदरायैकदंताय।
विघ्ननाशिने शिवसुताय।
श्रीवरदमूर्तये नमो नम:।।10।।
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