अर्थ सहित हनुमान जी के 51 पावरफुल मंत्र (Arth Sahit 51 Powerful Hanuman Mantra in Hindi) - हनुमान मंत्र hanuman Mantra:-
अर्थ सहित हनुमान जी के 51 पावरफुल मंत्र (Arth Sahit 51 Powerful Hanuman Mantra in Hindi):-
ओम हं हनुमते नम:-
हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को कोर्ट से जुड़े मामलों में लाभ मिलता है। इसके प्रभाव से फैसला आपके पक्ष में आ सकता है या फिर आपको कोर्ट की तरफ से कोई राहत मिल सकता है।
ओम नमो भगवते हनुमते नम:-
यदि परिवार में हमेशा क्लेश रहता है, तो ऐसे में आपको हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इस मंत्र के प्रभाव से लोगों के जीवन में सुख एवं शांति आ सकती है।
प्रत्येक मंगलवार को करें हनुमान जी के इन मंत्रों का जाप
मनोजवं मारुततुल्यवेगं:-
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से भगवान हनुमान प्रसन्न होते हैं, वे अपने भक्तों को सुख एवं समृद्धि प्रदान करते हैं। साथ ही अपने भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं और दुखों को दूर करते हैं।
ओम हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट:-
कहा जाता है कि हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होता है। साथ ही उनसे उत्पन्न संकटों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय:-
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करने से शत्रु परास्त होते हैं। साथ ही रोगों को दूर करने और संकटों से रक्षा के लिए भी इस मंत्र का जाप किया जाता है।
हनुमान मूल मन्त्र:-
ॐ श्री हनुमते नमः॥
हनुमान गायत्री मन्त्र:-
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
मनोजवम् मारुततुल्यवेगम्:-
मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्।
वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥
हनुमान जी को प्रसन्न करने के मंत्र:-
ॐ हं हनुमते नम:। ‘ ”अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥” ‘ॐ अंजनिसुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो मारुति प्रचोदयात्।
संकट दूर करने के लिए मंत्र:-
ॐ शान्ताय नम:। ॐ मारुतात्मजाय नमः। ऊं हं हनुमते नम:।
हनुमान बीज मन्त्र हनुमान जी का एक बहुत इस प्रभावशाली मन्त्र है. हनुमान बीज मन्त्र बहुत ही आसानी से जाप करने वाला मन्त्र है. हनुमान बीज मन्त्र के जाप से हनुमान जी के भक्त पर इसका बहुत ही अच्छा और शुभ फलदायक प्रभाव पड़ता है
हिन्दू धर्म पुराणों के अनुसार हनुमान बीज मन्त्र का जाप हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा साधन है. हनुमान बीज मन्त्र के जाप से हनुमान जी प्रसन्न होकर अपने भक्त पर अपनी कृपा बनाए रखतें हैं.
हनुमान बीज मन्त्र संस्कृत:-
|| ॐ ऐं भ्रीम हनुमते,
श्री राम दूताय नमः ||
रोगों से बचने के लिए हनुमान मंत्र:-
|| मंत्र ||
हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:।
अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।।
हनुमान मंत्र जप विधि:-
प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
इसके बाद हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर, गुड़-चना अर्पित करें।
पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे।
अब लाल चंदन की माला से मंत्र का जप करें:-
इस मंत्र का प्रभाव आपको कुछ ही समय में दिखने लगेगा।
ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के जप से सारे रोग दूर हो जाते हैं और जीवन खुशियों से भर जाता है। अपने रोगों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जप ज़रुर करें।
|| मंत्र ||
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहि हरहु कलेस बिकार।
इसके जप से हर तरह के रोग, शारीरिक दुर्बलता आदि दूर होते हैं। खास बात यह है कि हनुमानजी के उपासक को सदाचारी होना चाहिए। सदाचार से वे प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
|| मंत्र ||
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।
इसका 108 बार जप करने से जटिल से जटिल रोग भी ठीक हो जाते हैं। इन मंत्रों का जप कोई भी व्यक्ति दिन या रात में कर सकता है। हनुमान जी का ध्यान करने से रोग ठीक हो जाते हैं।
इस हनुमान मंत्र से पवनपुत्र हनुमान का आवाह्न करें:-
श्रीरामचरणाम्भोज-युगल-स्थिरमानसम्।
आवाहयामि वरदं हनुमन्तमभीष्टदम्॥
इस हनुमान मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें आसन समर्पित करें:-
नवरत्नमयं दिव्यं चतुरस्त्रमनुत्तमम्।
सौवर्णमासनं तुभ्यं कल्पये कपिनायक॥
इस हनुमान मंत्र से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाए:-
दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम्।
तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो॥
इस मंत्र के द्वारा उन्हें पंचामृत चढ़ाए:-
मध्वाज्य – क्षीर – दधिभिः सगुडैर्मन्त्रसन्युतैः।
पन्चामृतैः पृथक् स्नानैः सिन्चामि त्वां कपीश्वर॥
इस मंत्र से क्षमा-प्रार्थना करें:-
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर।
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु में॥
बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए मंत्र:-
सुमिरि पवन सुत पावन नामू।
अपने बस करि राखे रामू॥
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