उठो हे पवनपुत्र लिरिक्स (Utho Hey Pawanputra Lyrics in Hindi) -
उठो हे पवनपुत्र हनुमान सागर पार जाना है
सागर पार जाना है सागर पार जाना है
बनी श्री राम पे विपदा भारी
लंकपति हर लई जनक दुलारी
तुम वीरो में वीर बलकारी
साबित कर दिखलाना है
उठो हे पवनपुत्र हनुमान सागर पार जाना है...
तुम सा कौन भला बलशाली है महावीर है धरापर
भरो अगर हुंकार तो रख दो तीनों लोक हिलाकर
लांघ जाओगे इस सिंधु को एक छलांग लगाकर
किए जो बचपन में वो करतब कर दिखलाना है
उठो हे पवन पुत्र हनुमान...
वो नर दंड का भागी जो नारी का करे अनाधर
घोर अपराध किया रावण ने कपट से सिया हरण कर
गढ़ लंका में मात सिया को रखा कहाँ छुपाकर
खोज खबर ले पूरी जल्दी लौट के आना है
उठो हे पवन पुत्र हनुमान...
उठो उठो बजरंग उठो रघुपति को धीर बंधाओ
हर्षित हो प्रभु राम काम कुछ ऐसा कर दिखलाओ
बल बुद्धि के स्वामी तुम हो काल से भी टकराओ
मर्यादा का 'सरल' तुम्ही ने ध्वज फहराना है
उठो हे पवन पुत्र हनुमान...
उठो हे पवनपुत्र हनुमान सागर पार जाना है
सागर पार जाना है सागर पार जाना है
बनी श्री राम पे विपदा भारी
लंकपति हर लई जनक दुलारी
तुम वीरो में वीर बलकारी
साबित कर दिखलाना है
उठो हे पवनपुत्र हनुमान सागर पार जाना है...
*** Lakhbir singh lakkha ***
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