सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है लिरिक्स (Saware Se Milane Ka Satsang Hi Bahana Hai) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


 सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है लिरिक्स (Saware Se Milane Ka Satsang Hi Bahana Hai) - 


सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।

सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।

चलो सत्संगे में चलें, हमे हरी गुण गाना है ॥


कहाँ कहाँ ढूँढा तुझे, कहाँ कहाँ पाया है ।

भक्तो के हृदय में मेरे श्याम का ठीकाना है ॥


राधा ने पाया तुझे मीरा ने पाया तुझे ।

मैंने तुझे पा ही लिया, मेरे दिल में ठिकाना है ॥


सत्संगे में आ जाओ, संतो संग बैठ जाओ ।

संतो के हृदय में, मेरे श्याम का ठिकाना है ॥


मीरा पुककर रही, आवो मेरे बनवारी ।

विष भरे प्याले को, तुने अमृत बनाना है ॥


शबरी पुककर रही, आओ मेरे रघुराई ।

खट्टे मीठे बेरों का तोहे भोग लगाना है ॥


द्रोपती पुकार रही, आवो मेरे कृष्णाई ।

चीर को बढाना है, तुम्हे लाज को बचाना है ॥


मथुरा में डूंडा तुझे, गोगुल के पाया है ।

वृन्दावन की गालिओ में मेरे श्याम का ठिकाना है ॥



Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !