समझ ना आई पुत्रा वे लिरिक्स (Samajh na aayi putra ve Lyrics in Hindi) - Baba Balak Nath Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


समझ ना आई पुत्रा वे लिरिक्स (Samajh na aayi putra ve Lyrics in Hindi) - 


की करनी मैं लस्सी रोटी

मेरी नूर होई किस्मत खोटी

काहतो सुनिया ना हाल दुहाईयाँ

समझ ना आई पुत्रा वे काहतो

भूखे रह के गऊआं तू चराईया....


मेरे घर विच रब रेहंदा सी

प्यार नाल मैनु माँ कहंदा सी

मेरे घर विच रब रेहंदा सी

प्यार नाल मैनु माँ कहंदा सी

पुत बने दिया कदरा ना पाईया

समझ ना आई पुत्रा वे काहतो

भूखे रह के गऊआं तू चराईया....


विच बुढ़ापे कौन सहारा

जिऊँन दा कोई ना दिसदा चारा

विच बुढ़ापे कौन सहारा

जिऊँन दा कोई ना दिसदा चारा

दस जांदा मैथो होईया की बुराईयां

समझ ना आई पुत्रा वे काहतो

भूखे रह के गऊआं तू चराईया....


किवे झल्लू मैं तेरी विछोड़ा

किता ना तू तरस वे भोरा

किवे झल्लू मैं तेरी विछोड़ा

किता ना तू तरस वे भोरा

कर चला गया तू मन आईया

समझ ना आई पुत्रा वे काहतो

भूखे रह के गऊआं तू चराईया....


बारह साल मेरे घर विच रह के

गया ना दिल दी गल कोई कह के

बारह साल मेरे घर विच रह के

गया ना दिल दी गल कोई कह के

एहो सोच के मैं सुरता गवाईयाँ

कर चला गया तू मन आईया

समझ ना आई पुत्रा वे काहतो

भूखे रह के गऊआं तू चराईया....


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