राम जपते रहो काम करते रहो लिरिक्स (Ram Japate Raho Kam Karte Raho Lyrics in Hindi) -
लाख चौरासी भ्रमण किया दुख सहन ।
पाया मुश्किल से तब एसा मानुष तन ।
राह चलते चलो कर किसी की नजर ।
पैर नाजुक है नीचे फिसल जायेगा ।
राम जपते रहो काम करते रहो ।
कौल तूने किया मैँ करूँगा वफ़ा ।
पर गया भूल कुछ ना कमाया नफा ।
आके मस्ती में तू मूलधन खा गया ।
आखिरी में तेरा सर कुचल जायेगा ।
राम जपते रहो काम करते रहो ।
खैर बीती जो अब संभालो जरा ।
प्रेम गदगद हो आँसू निकालो जरा ।
वो दया पात्र हरी का भरो नीर से ।
भरते भरते एक दिन छलक जायेगा ।
राम जपते रहो काम करते रहो ।
छोड़कर छल कपट मोह माया जतन ।
लौ प्रभू से लगाना जगदम्बा शरण ।
मोम सा है ज़िगर इन दयासिंधु का ।
असर पड़ते ही फौरन पिघल जायेगा ।
राम जपते रहो काम करते रहो ।
राम जपते रहो काम करते रहो ।
वक्त जीवन का यूँही निकल जायेगा ।
अगर लगन सच्ची भगवन से लग जायेगी ।
तेरे जीवन का नक्शा बदल जायेगा ।
राम जपते रहो काम करते रहो ।
*** Singer : Prakash Gandhi ***
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