निंदक नियेरे राखिये दोहे का अर्थ(Nindak Niyare Rakhiye Dohe Ka Arth in Hindi) :-
निंदक नियेरे राखिये, आँगन कुटी छावायें ।
बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुहाए ।
निंदक नियेरे राखिये दोहे का अर्थ(Nindak Niyare Rakhiye Dohe Ka Arth in Hindi):-
कबीर दास जी कहते हैं कि निंदक हमेशा दूसरों की बुराइयां करने वाले लोगों को हमेशा अपने पास रखना चाहिए, क्यूंकि ऐसे लोग अगर आपके पास रहेंगे तो आपकी बुराइयाँ आपको बताते रहेंगे और आप आसानी से अपनी गलतियां सुधार सकते हैं। इसीलिए कबीर जी ने कहा है कि निंदक लोग इंसान का स्वभाव शीतल बना देते हैं।
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