मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का लिरिक्स (Mukut Sir Mor Ka Mere Chit Chor Ka Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का लिरिक्स (Mukut Sir Mor Ka Mere Chit Chor Ka Lyrics in Hindi) - 


मुकुट सिर मोर का

मेरे चित चोर का ।

दो नैना सरकार के

कटीले हैं कटार से ॥

कमल लज्जाये तेरे

नैनो को देख के ।

भूली घटाएँ तेरी

कजरे की रेख पे ।

यह मुखड़ा निहार के

सो चाँद गए हार के

दो नैना सरकार के

कटीले हैं कटार से ॥


मुकुट सिर मोर का

मेरे चित चोर का ।

दो नैना सरकार के

कटीले हैं कटार से ॥


कुर्बान जाऊं तेरी

बांकी अदाओं पे ।

पास मेरे आजा तोहे

भर मैं भर लूँ मैं बाहों में ।

जमाने को विसार के

दिलो जान तोपे वार के

दो नैना सरकार के

कटीले हैं कटार से ॥


मुकुट सिर मोर का

मेरे चित चोर का ।

दो नैना सरकार के

कटीले हैं कटार से ॥


रमण बिहारी नहीं

तुलना तुम्हारी।

तुझ सा ना पहले

कोई ना देखा अगाडी ।

दीवानों ने विचार के

कहा यह पुकार के

दो नैना सरकार के

कटीले हैं कटार से ॥


मुकुट सिर मोर का

मेरे चित चोर का ।

दो नैना सरकार के

कटीले हैं कटार से ॥


*** singer - Chitralekha  ***



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