मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का लिरिक्स (Mukut Sir Mor Ka Mere Chit Chor Ka Lyrics in Hindi) -
मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का ।
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से ॥
कमल लज्जाये तेरे
नैनो को देख के ।
भूली घटाएँ तेरी
कजरे की रेख पे ।
यह मुखड़ा निहार के
सो चाँद गए हार के
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से ॥
मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का ।
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से ॥
कुर्बान जाऊं तेरी
बांकी अदाओं पे ।
पास मेरे आजा तोहे
भर मैं भर लूँ मैं बाहों में ।
जमाने को विसार के
दिलो जान तोपे वार के
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से ॥
मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का ।
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से ॥
रमण बिहारी नहीं
तुलना तुम्हारी।
तुझ सा ना पहले
कोई ना देखा अगाडी ।
दीवानों ने विचार के
कहा यह पुकार के
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से ॥
मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का ।
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से ॥
*** singer - Chitralekha ***
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