माई के आरती उतारो रे (Maiya Ki Aarti Lyrics in Hindi Pawan Singh) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


माई के आरती उतारो रे (Maiya Ki Aarti Lyrics in Hindi Pawan Singh) - 


प्रेम से बोलिये सच्चे दरबार की

जय !!

ॐ जयंती मंगला काली

भद्रकाली कपालिनी

दुर्गा क्षमा शिवाधात्री

स्वाहा स्वधा नमोस्तुते


माई के आरती उतारो रे

मंगल गीत गाओ रे

माई के आरती उतारो रे

मंगल गीत गाओ रे

बड़ा भागे माई घरवा तs अईली

तरल अंगनवा जे पउवा ई धईली

घीउवा के दिया जराओ रे

मईया जी के भोग लगाओ रे

माई के आरती उतारो रे

मंगल गीत गाओ रे

जय जय जय माँ जय माँ

जय जय जय माँ जय माँ


जय हो जग तरनि जय हो दुःख हरनी

अईलू अपना बेटा के दुवार

हई हम पुजरिया रखिहs नजरिया

सुखी रहे पूरा परिवार

ऐ हो पंडी जी संख बजावs

सभे जन मईया पे फूल बरसावs

मईया के चुनरी ओढ़ाओ रे

हरी हरी चूड़ी चढ़ाओ रे

माई के आरती उतारो रे

मंगल गीत गाओ रे


अईले सब देवता करे खातिर नेवता

सज गईल सच्चा दरबार

सभे पाँव पूजे चारो ओरिया गूंजे

माई तोहार जय जयकार

श्याम देहाती आजाद गीतिया लिखले

पवन तोहसे गावे के भजन सिखले

रानू अमित घंटी बजाओ रे

संतोष दीपक टीका लगाओ रे

माई के आरती उतारो रे

मंगल गीत गाओ रे


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