लुट सके तो लुट ले हरी नाम की लुट दोहे का अर्थ(Lut Sake To Lut Le Hari Nam Ki Lut Dohe Ka Arth in Hindi):-
लुट सके तो लुट ले, हरी नाम की लुट ।
अंत समय पछतायेगा, जब प्राण जायेगे छुट ।
लुट सके तो लुट ले हरी नाम की लुट दोहे का अर्थ(Lut Sake To Lut Le Hari Nam Ki Lut Dohe Ka Arth in Hindi):-
कबीर दास जी कहते हैं कि ये संसार ज्ञान से भरा पड़ा है, हर जगह राम बसे हैं। अभी समय है राम की भक्ति करो, नहीं तो जब अंत समय आएगा तो पछताना पड़ेगा।
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