कबीरा सोई पीर है जो जाने पर पीर दोहे का अर्थ (Kabira Soi Peer Hai Jo Jane Par Peer Dohe Ka Arth in Hindi) -
कबीरा सोई पीर है, जो जाने पर पीर ।
जो पर पीर न जानही, सो का पीर में पीर ।
कबीरा सोई पीर है जो जाने पर पीर दोहे का अर्थ (Kabira Soi Peer Hai Jo Jane Par Peer Dohe Ka Arth in Hindi):-
कबीर दास जी कहते हैं कि जो इंसान दूसरे की पीड़ा और दुःख को समझता है वही सज्जन पुरुष है और जो दूसरे की पीड़ा ही ना समझ सके ऐसे इंसान होने से क्या फायदा।
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