हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो (He Swar Ki Devi Man Vaani Me Madhurata Do Lyrics in Hindi) | Jaya Kishori Ji - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो (He Swar Ki Devi Man Vaani Me Madhurata Do Lyrics in Hindi) - Jaya Kishori Ji


हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो,
हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो।

सरगम का ज्ञान नहीं न लय का ठिकाना है,
तुम्हें आज सभा में माँ हमें दरस दिखाना है,
संगीत समंदर से सुर ताल हमें दे दो,
सुर ताल हमें दे दो,
हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो,
हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो।

शक्ति न भक्ति है, सेवा का ज्ञान नहीं,
तुम्हें आज सुनाने को कोई सुन्दर गान नहीं,
गीतों के समंदर से इक गीत हमें दे दो,
इक गीत हमें दे दो,
हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो,
हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो।

अज्ञान ग्रसित होकर क्या गीत सुनाऊँ में,
टूटे हुए शब्दों से क्या स्वर को सजाऊँ में,
तुम ज्ञान का स्त्रोत बहा,माँ मुझपे दया कर दो,
माँ मुझपे दया कर दो,
हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो,
हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो।

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