हरि नाम के रस को पी पी कर आनंद में जीना सिख लिया लिरिक्स (Hari Nam Ke Ras Ko Pi Pi Kar Aanand Me Jeena Seekh Liya Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

हरि नाम के रस को पी पी कर आनंद में जीना सिख लिया लिरिक्स (Hari Nam Ke Ras Ko Pi Pi Kar Aanand Me Jeena Seekh Liya Lyrics in Hindi) - 



हरि नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया

हरी नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया

आनंद में जीना सीख लिया

आनंद में जीना सीख लिया

प्रभु प्रेम प्याला सत्संग में

जाकर के पीना सीख लिया

हरी नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया।।


हरी नाम की मस्ती अनोखी है

पी करके हमने देखी हैं

सब चिंताओं को छोड़ के अब

मस्ती में रहना सीख लिया

हरी नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया।।


पीकर के आनंद आता है

यह झूठा जग नहीं भाता है

तुम भी थोड़ी सी पिया करो

यह सब से कहना सीख लिया

हरी नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया।।


हरि नाम में चूर जो रहते हैं

माया से दूर वो रहते हैं

हरी याद रहे हर पल हमको

प्रभु नाम को जपना सीख लिया

हरी नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया।।


कहना यह ‘चित्र विचित्र’ का है

मुश्किल से मिलता मौका है

हरि नाम के पागल बन जाओ

सब को समझाना सीख लिया

हरी नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया।।


हरि नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया

हरी नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया

आनंद में जीना सीख लिया

आनंद में जीना सीख लिया

प्रभु प्रेम प्याला सत्संग में

जाकर के पीना सीख लिया

हरी नाम के रस को पी पीकर

आनंद में जीना सीख लिया।।




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