दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला लिरिक्स (Do DIn Ki Jindagee Hai Do Din Ka Mela Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला लिरिक्स (Do DIn Ki Jindagee Hai Do Din Ka Mela Lyrics in Hindi) - 


इस जगत सराए में मुसाफ़िर रहना दो दिन का

रहना दो दिन का रहना दो दिन का

रहना दो दिन का मुसाफ़िर रहना दो दिन का

क्यों वीरथा करे ग़ुमान मूरख इस धन और जोबन का

नाहीं भरोसा पल का नाहीं भरोसा पल का

यूँ ही मर जाएगा यूँ ही मर जाएगा ॥


दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला

क्या लेके आया जगत में

क्या लेके जाएगा

दो दिन की जिंदगी है

दो दिन का मेला ॥


इस काया का है भाग

भाग बिन पाया नहीं जाता

करम बिना नसीब फ़ल

तोड़ खाया नहीं जाता

कहे सत्य नाम जग ये झूठा झमेला

दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला

दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला

क्या लेके आया जगत में

क्या लेके जाएगा

दो दिन की जिंदगी है

दो दिन का मेला ॥





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