भये प्रगट कृपाला दीन दयाला(Bhaye Pragat Kripala Lyrics in hindi) । by Tripti Shakya - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

भये प्रगट कृपाला दीन दयाला(Bhaye Pragat Kripala Lyrics in hindi) । Tripti Shakya - Bhaktilok


Song: भये प्रगट कृपाला दीन दयाला(Bhaye Pragat Kripala Lyrics in hindi By Tripti Shakya

Singer: Tripti Shakya

Music: Sohan Lal

Lyrics: Chiranji Lal Agarwal

Editor: Shammi Sharma

Category: Hindi Devotional

Producers: Amresh Bahadur, Ramit Mathur

Label: Yuki


भये प्रगट कृपाला दीन दयाला(Bhaye Pragat Kripala Lyrics in hindi By Tripti Shakya):- 


भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥


लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,

निज आयुध भुजचारी ।

भूषन बनमाला, नयन बिसाला,

सोभासिंधु खरारी ॥


कह दुइ कर जोरी, अस्तुति तोरी,

केहि बिधि करूं अनंता ।

माया गुन ग्यानातीत अमाना,

वेद पुरान भनंता ॥


करुना सुख सागर, सब गुन आगर,

जेहि गावहिं श्रुति संता ।

सो मम हित लागी, जन अनुरागी,

भयउ प्रगट श्रीकंता ॥


ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया,

रोम रोम प्रति बेद कहै ।

मम उर सो बासी, यह उपहासी,

सुनत धीर मति थिर न रहै ॥


उपजा जब ग्याना, प्रभु मुसुकाना,

चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै ।

कहि कथा सुहाई, मातु बुझाई,

जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥


माता पुनि बोली, सो मति डोली,

तजहु तात यह रूपा ।

कीजै सिसुलीला, अति प्रियसीला,

यह सुख परम अनूपा ॥


सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना,

होइ बालक सुरभूपा ।

यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं,

ते न परहिं भवकूपा ॥


भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥

 

Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !