भर दो झोली मेरी धुनिवाले
आज बनकर मै आया सवाली
तुम रहम दिल हो दादा तुम्हारी
बात जग में है सबसे निराली
तेरे दरबार में ऊँचा नही ना कोई निचा है
वाही पाता तेरे दर से जो की दिलदार सच्चा है
भर दो झोली मेरी धुनिवाले आज बनकर मै आया सवाली
तुम दयालु हो कहते है बन्दे तेरे
झोली खाली है और हाथ खाली मेरे
मांगू तुझसे नहीं तो मै जाऊं कहा
तेरे जैसा रहम दिल मै पाऊ कहा
भर दो झोली मेरी धुनिवाले आज बनकर मै आया सवाली
है करिश्मे तुम्हारे भी चर्चे कही
तेरे गुणगान वाले है बन्दे कही
अर्ज मेरी भी सुनले मै भी तर जाऊंगा
वरना चौखट पे सर रख के मर जाऊंगा
भर दो झोली मेरी धुनिवाले आज बनकर मै आया सवाली
चाहने वालो ने मुझको है धोके दिए
और गरीबी में उलझन के मौके दिए
तुमने मेरे ही जैसे कई के लिए
गर्दिशो के अँधेरे है रोशन किये
भर दो झोली मेरी धुनिवाले आज बनकर मै आया सवाली
तुमसा नही एक भी सारे जहाँन में
सर को झुकाती है दुनिया तेरी ही शान में
अपने गुरु का तुमने कैसा मान कर दिया
गुरु से बड़ा ना कोई है सबको ये सिखा दिया
जब हो गुरुकृपा तो गोविन्द भी मिले
सूरज को देख तेरे जैसे अरविन्द भी मिल गए
रस्ता है एक सब के लिए रब के द्वार का
धुनिवाले तू अंश है परवरदिगार का
तेरे दरबार की शान ऊँची खाली जाता नही कोई भी सवाली
एक ही दाता है देनेवाला आया दरपे है लाखो सवाली
भर दो झोली मेरी धुनिवाले आज बनकर मै आया सवाली
भर दो झोली मेरी धुनिवाले आज बनकर मै आया सवाली
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