बिगड़ी तेरी बनाएगा
नाम गणपति का
संकट सभी मिटाएगा
नाम गणपति का
बिगड़ी बनाएगा
संकट मिटाएगा
कष्ट ना कभी तू पायेगा
जो मन से तू गाएगा
नाम गणपति का
बिगड़ी तेरी बनाएगा
नाम गणपति का।।
मंगल मूरत मंगल कर दो
सुख समृद्धि का हमको वर दो
हाथ दया का सर पर धर दो
भक्ति अपनी आठों पहर दो
चलने को हमें सत्य डगर दो
महिमा गाने को लय स्वर दो
जब भी उसे बुलाएगा
जब भी उसे बुलाएगा
देरी नहीं लगाएगा
चमत्कार दिखलायेगा
नाम गणपति का
बिगड़ी तेरी बनायेगा
नाम गणपति का।।
विध्न हरण मंगल के दाता
पिता सदाशिव गिरिजा माता
पहले तुम्ही को पूजा जाता
तुम हो सबके भाग्य विधाता
पैन पुष्प मोदक तुम्हे भाता
कमला सरल तेरे गुण गाता
मन में उन्हें बसाएगा
मन में उन्हें बसाएगा
करने दया वो आएगा
नैया पार लगाएगा
नाम गणपति का
बिगड़ी तेरी बनायेगा
नाम गणपति का।।
बिगड़ी तेरी बनाएगा
नाम गणपति का
संकट सभी मिटाएगा
नाम गणपति का
बिगड़ी बनाएगा
संकट मिटाएगा
कष्ट ना कभी तू पायेगा
जो मन से तू गाएगा
नाम गणपति का
बिगड़ी तेरी बनाएगा
नाम गणपति का।।
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