श्री सत्यनारायण आरती लिरिक्स (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi) - Shree Satyanarayan Vrat Katha Anuradha Paudwal Suresh Wadkar - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

 

श्री सत्यनारायण आरती लिरिक्स (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi) - 


जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

सत्यनारायण स्वामी

जन पातक हरणा ॥


ॐ जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

रत्‍‌न जडि़त सिंहासन

अद्भुत छवि राजै ।

नारद करत निराजन

घण्टा ध्वनि बाजै ॥


ॐ जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।


प्रकट भये कलि कारण

द्विज को दर्श दियो ।

बूढ़ा ब्राह्मण बनकर

कंचन महल कियो ॥


ॐ जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।


दुर्बल भील कठारो

जिन पर कृपा करी ।

चन्द्रचूड़ एक राजा

तिनकी विपत्ति हरी ॥


ॐ जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।


वैश्य मनोरथ पायो

श्रद्धा तज दीन्ही ।

सो फल भोग्यो प्रभुजी

फिर-स्तुति कीन्हीं ॥


ॐ जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।


भाव भक्ति के कारण

छिन-छिन रूप धरयो ।

श्रद्धा धारण कीन्हीं

तिनको काज सरयो ॥


ॐ जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।


ग्वाल-बाल संग राजा

वन में भक्ति करी ।

मनवांछित फल दीन्हों

दीनदयाल हरी ॥


ॐ जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।


चढ़त प्रसाद सवायो

कदली फल मेवा ।

धूप दीप तुलसी से

राजी सत्यदेवा ॥


ॐ जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।


श्री सत्यनारायण जी की आरती

जो कोई नर गावै ।

ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति

सहज रूप पावे ॥


जय लक्ष्मी रमणा

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

सत्यनारायण स्वामी

जन पातक हरणा ॥


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