शिव समा रहे मुझमें लिरिक्स (Shiv Sama Rahe Mujhme Lyrics In Hindi) - by Hansraj Raghuwanshi Siv Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


शिव समा रहे मुझमें लिरिक्स (Shiv Sama Rahe Mujhme Lyrics In Hindi) - 


ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय

शिव समा रहे मुझमें

और मैं शुन्य हो रहा हूँ

शिव समा रहे मुझमें

और मैं शुन्य हो रहा हूँ 

क्रोध को लोभ को

क्रोध को लोभ को

मैं भष्म कर रहा हूँ

शिव समा रहे मुझमें

और मैं शुन्य हो रहा हूँ

ॐ नमः शिवाय

शिव समा रहे मुझमें

और मैं शुन्य हो रहा हूँ

ॐ नमः शिवाय 

ब्रह्म मुरारी सुरार्चिता लिंगम

निर्मल भाषित शोभित लिंगम

जन्मज दुखः विनाशक लिंगम

तत् प्रनमामि सदा शिव लिंगम 

ब्रह्म मुरारी सुरार्चिता लिंगम

निर्मल भाषित शोभित लिंगम

जन्मज दुखः विनाशक लिंगम

तत् प्रनमामि सदा शिव लिंगम 

तेरी बनाई दुनिया में कोई

तुझसा मिला नहीं

मैं तो भटका दर बदर कोई

किनारा मिला नहीं

जितना पास तुझको पाया

उतना खुद से दूर जा रहा हूँ

शिव समा रहे मुझमें

और मैं शुन्य हो रहा हूँ

ॐ नमः शिवाय

शिव समा रहे मुझमें

और मैं शुन्य हो रहा हूँ

ॐ नमः शिवाय 

मैंने खुदको खुद ही बंधा

अपनी खींची लकीरों में

मैं लिपट चूका था

इच्छा की जंजीरों में 

अनंत की गहराइयों में

समय से दूर हो रहा हूँ

शिव प्राणों में उतर रहे

और मैं मुक्त हो रहा हूँ 

वो सुबह की पहली किरण में

वो कस्तूरी बन के हिरन में

मेघों में गरजे गूंजे गगन में

रमता जोगी रमता मगन में 

वो ही आयु में

वो ही वायु में

वो ही जिस्म में

वो ही रूह में

वो ही छाया में

वो ही धुप में

वो ही हर एक रूप में 

क्रोध को लोभ को

क्रोध को लोभ को

मैं भष्म कर रहा हूँ

शिव समा रहे मुझमें

और मैं शुन्य हो रहा हूँ

ॐ नमः शिवाय

शिव समा रहे मुझमें

और मैं शुन्य हो रहा हूँ

|| ॐ नमः शिवाय ||


Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !