शिव शंकर डमरू वाले भजन लिरिक्स (Shiv Shankar Damru Wale Lyrics in Hindi) - Lakhbir Singh Lakha Shiv Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


शिव शंकर डमरू वाले भजन लिरिक्स (Shiv Shankar Damru Wale Lyrics in Hindi) - 


है धन्य तेरी माया जग में

ओ दुनिया के रखवाले

शिव शंकर डमरू वाले


नमामि शंकर नमामि हर हर

नमामि देवा महेश्वरा ।

नमामि पारब्रह्म परमेश्वर

नमामि भोले दिगम्बरा ॥


है धन्य तेरी माया जग में ओ दुनिया के रखवाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

है धन्य तेरी माया जग में ओ दुनिए के रखवाले


(शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले)


आ आ आ आ


जो ध्यान तेरा धर ले मन में वो जग से मुक्ति पाए

(भोले भोले भोले भोले)

जो ध्यान तेरा धर ले मन में वो जग से मुक्ति पाए

भव सागर से उसकी नैया तू पल में पार लगाए

बाबा पल में पार लगाए

संकट में भक्तों को बड़ कर तू भोले आप संभाले


(शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले)


जय हो


आ आ आ आ


है कोई नहीं इस दुनिया में तेरे जैसा वरदानी

(भोले भोले भोले भोले)

है कोई नहीं इस दुनिया में तेरे जैसा वरदानी

नित्त सुमरिन करते नाम तेरा सब संत ऋषि और ज्ञानी

बाबा संत ऋषि और ज्ञानी

ना जाने किस पर खुश हो कर तू क्या से क्या दे डाले


(शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले)


हर हर


आ आ आ आ


त्रिलोक के स्वामी हो कर भी क्या औघड़ रूप बनाए

(भोले भोले भोले भोले)

त्रिलोक के स्वामी हो कर भी क्या औघड़ रूप बनाए

कर में डमरू त्रिशूल लिए और नाग गले लिपटाये

भोले नाग गले लिपटाये

तुम त्याग के अमृत पीते हो नित् प्रेम से विष के प्याले


(शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले)


जय हो


आ आ आ आ


तप खंडित करने काम देव जब इन्द्र लोक से आया

(हरि ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम)

तप खंडित

ओ तप खंडित करने काम देव जब इन्द्र लोक से आया

और साध के अपना काम बाण तुझपर वो मुर्ख चलाया

भोले पे मुर्ख चलाया

तब खोल तीसरा नयन भस्म उसको पल में कर डाले


(शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले)


जय हो


आ आ आ आ


ओ जब चली जब चली कालिका क्रोधित हो खप्पर और खडग उठाए

(हरि ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम)

जब चली चली

जब चली

हो जब चली कालिका क्रोधित हो खप्पर और खडग उठाए

तब हाहाकार मचा जग में सब सुर और नर घबराए

सब सुर और नर घबराए

तुम बीच डगर में सो कर शक्ति देवी की हर डाले


(शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले)


जय हो


आ आ आ आ


अब दृष्टि दया की भक्तों पर हे डमरू धर कर देना

(भोले भोले भोले भोले)

अब दृष्टि दया की भक्तों पर हे डमरू धर कर देना

शर्मा और लखा की झोली भोले शंकर भर देना

भोले शंकर भर देना

अपना ही सेवक जान हमे भी चरणों में अपना ले


नमामि शंकर नमामि हर हर

नमामि देवा महेश्वरा ।

नमामि पारब्रह्म परमेश्वर

नमामि भोले दिगम्बरा ॥


(शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले

शिव शंकर डमरू वाले शिव शंकर भोले भाले)





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