जो तुम नहीं दोगे फिर कौन देगा श्याम
तेरे ही देने से बनता है मेरा काम
जो तुम नहीं दोगे फिर कौन देगा श्याम
मेरे दिल की कान्हा हर बात समज ते हो
तुम इस घर के सब हालत समज ते हो
तुझसे ही राहत है तुझसे ही आराम
जो तुम नहीं दोगे फिर कौन देगा श्याम
हम जैसे गरीबो की रोटी है तू कान्हा
ये हमने है जाना बस तुमने है जाना
मैं कैसे खाता हु दुनिया है ये अनजान
जो तुम नहीं दोगे फिर कौन देगा श्याम
कहता है पवन तुझसे हर चीज तेरी है
बस बची ख़ुशी बाबा ये लाज मेरी है
ये बीसो भी तुझको ये हर दम रखना ध्यान
जो तुम नहीं दोगे फिर कौन देगा श्याम
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