शंकर चौरा रे महामाई कर रही सोल्हा रे भजन इन हिंदी लिरिक्स -
शंकर चौरा रे
महामाई कर रही सोल्हा रे
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे ||
माथे उनके बिंदिया सोहे
टिलकी की बलिहारी राम
सिंदूर लगा रही रे
मांग में सिंधुर लगा रही रे
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे ||
कान में उनके कुण्डल सोहे
नथुनी की बलिहारी राम
हरवा पहन रही रे
गले में हरवा पहन रही रे
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे ||
हाथो उनके कंगना सोहे
चूड़ी की बलहारी राम
मुंदरी पहन रही रे
हाथ में मुंदरी पहन रही रे
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे ||
कमर उनके गरदन सोहे
झूलो की बलिहारी राम
कुछ न पहन रही रे
कमर में कुछ न पहन रही रे
शृंगार माई कर रही सोल्हा रे ||
पाओ में उनके पायल सोहे
विछियां की बलिहारी राम
महावर लगा रही रे
पाओ में महावर लगा रही रे
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे ||
अंग में उनके चोला सोहे
गगरा के बलिहारी राम
चुनरी ओड रही रे
चुनरी ओड रही रे
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे ||
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