मैली चादर ओढ़ के कैसेद् द्वार तुम्हारे आऊँ (maili chadar odh ke kaise dvaar tumhare aaun Lyrics in Hindi) -
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँगया ||
हे पावन परमेश्वर मेरेगया मन ही मन शरमाऊँ ।
मैली चादर ओढ़ के कैसे...
तूने मुझको जग में भेजा निर्मल देकर कायागया ||
आकर के संसार में मैंने इसको दाग लगाया ।
जनम जनम की मैली चादरगया कैसे दाग छुड़ाऊंगया ||
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ ॥
निर्मल वाणी पाकर तुझसे नाम ना तेरा गायागया ||
नैन मूँदकर हे परमेश्वर कभी ना तुझको ध्याया ।
मन-वीणा की तारे टूटीगया अब क्या राग सुनाऊँगया ||
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ ॥
इन पैरों से चलकर तेरे मंदिर कभी ना आयागया ||
जहाँ जहाँ हो पूजा तेरीगया कभी ना शीश झुकाया ।
हे हरिहर मई हार के आयागया अब क्या हार चढाउँगया ||
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ ॥
तू है अपरम्पार दयालु सारा जगत संभालेगया ||
जैसा भी हूँ मैं हूँ तेरा अपनी शरण लगाले ।
छोड़ के तेरा द्वारा दाता और कहीं नहीं जाऊं
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ ॥
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