माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे भजन लिरिक्स (Maati Kahe Kumbhar Se Lyrics in Hindi) - Parmod Ajmeri Sant Vani - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे भजन लिरिक्स (Maati Kahe Kumbhar Se Lyrics in Hindi) - 



माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोहे

एक दिन ऐसा आएगा मैं रोंदूगी तोहे ।


आये हैं तो जायेंगे राजा रंक फ़कीर

एक सिंघासन चडी चले एक बंदे जंजीर ।


दुर्बल को ना सतायिये जाकी मोटी हाय

बिना जीब के स्वास से लोह भसम हो जाए ।


चलती चक्की देख के दिया कबीर रोये

दो पाटन के बीच में बाकी बचा ना कोई ।


दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करे ना कोई

जो सुख में सुनिरण करे दुःख कहे को होए ।


पत्ता टूटा डाल से ले गयी पवन उडाय

अबके बिछड़े कब मिलेंगे दूर पड़ेंगे जाय ।


कबीर आप ठागायिये और ना ठगिये

आप ठगे सुख उपजे और ठगे दुःख होए ।




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