तीसरा नवरात्री - माँ चंद्रघंटा की कथा भजन इन हिंदी लिरिक्स

Suraj

माँ चंद्रघंटा की कथा भजन इन हिंदी लिरिक्स 

हम चंद्रघंटा मैया की
तुमको कथा सुनाते है 
पावन कथा सुनाता हूँ हूँ 
शक्ति स्वरुप चंद्रघंटा 
की महिमा गाते है 
हम कथा सुनाते है 
नवरातो की तीसरे 
दिन का सार बताते है 
पावन कथा सुनाता हूँ हूँ 
शक्ति स्वरुप चंद्रघंटा 
की महिमा गाते है 
हम कथा सुनाते है 
सब सुनो लगा के ध्यान 
चंद्रघंटा का गुणगान 
ये कथा है बड़ी महान कष्टों का करे निदान.....||

चंद्रघंटा की कथा 
सुनाऊ सुनो लगा के ध्यान 
धन वैभव सुख देने 
वाली माँ की है पहचान 
तीजे  दिन है नवरातों 
का चंद्रघंटा के नाम 
पूजा करके माँ के रूप 
का बन जाए सब काम 
रूप सलोना सुन्दर 
माँ का छवि बड़ी प्यारी 
महक रही है माँ के 
नाम से जग की फुलवारी 
चाँद के जैसे मुखड़ा 
चमके रूप चंद्र बदनी
जय हो तुम्हारी चंद्रघंटा 
माँ जय हो जग जननी 
दया करो सुखदेव पे 
माता शीश झुकाते है 
हम चंद्रघंटा मैया 
की पावन गाथा गाते है
हम कथा सुनाते है 
सब सुनो लगा के ध्यान 
चंद्रघंटा का गुणगान 
ये कथा है बड़ी महान कष्टों का करे निदान.....||

शोभित है माँ के हाथो 
में गदा धनुष तलवार 
उठा के त्रिशूल कर रही है 
दुष्टो का संहार 
अर्ध चंद्र घंटे का 
माँ के शीश पे है आकार
भक्तो की हित के खातिर
 माँ रहती है तैयार 
पूजा कर के आरती 
गाके माँ को रिझाते है 
दूध बने व्यंजन से 
माँ को भोग लगाते है 
चरणों में अर्पित करते है 
पुष्प चमेली का 
रूप निहारे भक्त 
ये सारे अम्बे देवी का 
ध्यान लगा के सुनो 
कथा हम आगे बढ़ाते है 
मै कथा सुनाता हूँ
शक्ति स्वरुप चंद्रघंटा 
की महिमा गाते है 
मै कथा सुनाते गए 
सब सुनो लगा के ध्यान 
चंद्रघंटा का गुणगान 
ये कथा है बड़ी महान कष्टों का करे निदान.....||

स्वर्ग लोक में जब असुरो 
का बढ़ने लगा आतंक 
सारे थे आतंकित 
उनसे ऋषि मुनि और संत 
महिषासुर के आगे चले 
ना देवताओं का जोर 
इंद्र देव भी उसके आगे 
पड़ जाते कमजोर 
त्राहि त्राहि मच गई थी स्वर्ग
में मची थी भागम भाग 
भाग रहे थी जान बचा के 
राज पाट सब त्याग  
संकट में थे प्राण देवो 
के सूझे नहीं उपाए 
किसी तरह से महिषासुर 
से छुटकारा मिल जाए 
फिर क्या करते है सब 
मिल कर के वही बताते है 
शक्ति स्वरूपा चंद्रघंटा 
की महिमा गाते है 
हम कथा सुनाते है 
सब सुनो लगा के ध्यान
 चंद्रघंटा का गुणगान 
ये कथा है बड़ी महान कष्टों का करे निदान.....||

सभी देवता मिलकर
 के ब्रह्मा के पास गए 
ब्रह्मा जी ही मदद 
करेंगे ले कर आस गए 
ब्रह्मा विष्णु महेश 
तीनो क्रोध में आते है 
महिषाषुर का त्रास 
देवता जब बतलाते है 
महिषासुर से स्वर्ग लोक 
में जीना हुआ मुहाल 
कोई उपाए बताओ 
भगवन हमें तुरंत तत्काल 
ब्रह्मा विष्णु महेश के मुख 
से ऊर्जा हुयी उत्पन्न 
स्वर्ग धारा पाताल में 
सारे होने लगी कम्पन 
ऊर्जा से उत्पन्न हुयी 
माँ हम सत्य बताते है 
शक्ति स्वरूपा चंद्रघंटा 
की महिमा गाते है 
हम कथा सुनाते है 
सब सुनो लगा के ध्यान 
चंद्रघंटा का गुणगान 
ये कथा है बड़ी महान कष्टों का करे निदान.....||

शंकर त्रिशूल दिया 
विष्णु ने चक्क्र दिया 
देवतराज धन्य सूर्य 
ने अपना तेज दिया 
सूर्य देव ने तेज और 
तलवार दिया उनको 
देवो ने भी शाश्त्रो का 
उपहार दिया उनको 
नाम कारन फिर सभी 
ने मिल करके उनका 
सबने बोला जय हो 
तुम्हारी जय हो चंद्र घंटा 
ब्रह्म बोले हमने तुमको 
दिव्य शक्तियां दी 
काहे शक्ति इन शक्ति 
को तोड़ नहीं शक्ति 
चली है माँ आकाश 
मार्ग से कहाँ बताते है 
शक्ति स्वरूपा चंद्रघंटा 
की महिमा गाते है 
हम कथा सुनाते है 
सब सुनो लगा के ध्यान 
चंद्रघंटा का गुणगान 
ये कथा है बड़ी महान कष्टों का करे निदान.....||

पवन वेग से चली 
भवानी करती हुयी अट्ठास
क्रोध उगलती पहुंच गई 
माँ महिषासुर के पास 
नेत्र लाल विकराल बन 
गई असुरो की वो काल 
सारे ही ब्रह्माण्ड में 
जैसे मच गया था भूचाल
एक तरफ से असुर 
लड़ रहे एक तरफ माता 
माँ के आगे कोई असुर 
भी ठहर नहीं पाता 
घमासान मच गया 
स्वर्ग में युद्ध हुआ भारी 
काट रही है असुरो को 
माता मार के किलकारी 
महिषासुर का अंत करिश्मा 
अब बतलाते है 
शक्ति स्वरूपा चंद्रघंटा 
की महिमा गाते है 
हम कथा सुनाते है 
सब सुनो लगा के ध्यान 
चंद्रघंटा का गुणगान 
ये कथा है बड़ी महान कष्टों का करे निदान.....||

हुए देव भय मुक्त कर 
रहे माँ की जय जयकार 
फिर से इंद्र देव को 
स्वर्ग लोक का मिल 
गया था उपहार 
तब से ही माँ चंद्रघंटा 
को पूज रहा संसार 
असुर विनाशक की जय 
बोलो मिल के शास्त्रों बार 
नवरातों का दिन है 
तीसरा माँ चंद्रघंटा का 
जग जननी जग कल्याणी 
माता जगदम्बा का 
श्रद्धा भाव से जो भी 
माँ का वंदन करता है 
धन वैभव धन धान्य से 
उसका आंगन भरता है 
कर के नमन वंदन हम 
माँ को शीश नवाते गए 
शक्ति स्वरूपा चंद्रघंटा 
की महिमा गाते है 
हम कथा सुनाते है 
सब सुनो लगा के ध्यान 
चंद्रघंटा का गुणगान 
ये कथा है बड़ी महान कष्टों का करे निदान.....!!

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