तुम तस्वीर में बेठे ऐसे क्यों मुश्कुराते हो (Tum Tasveer Me Baithe Aise Kyu Muskate Ho Lyrics in Hindi) -
तुम तस्वीर में बेठे
ऐसे क्यों मुश्कुराते हो
मिलने के लिए बाहर
तुम क्यों नही आते हो.....||
चंचल है तेरी चितवन
है छवि बड़ी प्यारी
तेरे रूप के आगे
तो हम जाये बलहारी
बेठे बेठे नैनो से
क्यों तीर चलाते हो
मिलने के लिए बाहर
तुम क्यों नही आते हो.....||
अन्दर है बड़ी गर्मी
न हवा है न पानी
क्यों जिद पे अड़े
कान्हा करते हो मन मानी
ऐसा करके हम भक्तो
का जी क्यों जलाते हो
मिलने के लिए बाहर
तुम क्यों नही आते हो.....||
दुनिया के मालिक हो
तस्वीर में रहते हो
बेटो की दुःख तकलीफ
सब हसकर सहते हो
प्यासी अखियो को
दर्शन क्यों न दिखलाते हो
मिलने के लिए बाहर
तुम क्यों नही आते हो.....||
तस्वीर में बेठे हो
क्या मिली है कोई
सजा बाहर आकर
देखो आयेगा बड़ा मजा
कहे मोहित मनोहार
हमारी क्यों ठुकराते हो
मिलने के लिए बाहर
तुम क्यों नही आते हो.....||
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