जय मंगलमूर्ति की मन से बोलिये लिरिक्स (Jai mangalmurti ki man se boliye Lyrics in Hindi) - Arijit Chakraborty SUKHKARTA DUKHHARTA - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


जय मंगलमूर्ति की मन से बोलिये लिरिक्स (Jai mangalmurti ki man se boliye Lyrics in Hindi) - 


जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा,


जय जय मंगलमूर्ति 

की मन से बोलिये

गणपति बाप्पा मोरया 

मंगलमूर्ति मोरया

जय जय मंगलमूर्ति, 


की मन से बोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये

जय जय मंगलमूर्ति 

की मन से बोलिये,


गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये......||


जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा,


भक्तों का रखवाला है 

ये चारभुजा धारी

इसके पावन चरणों 

में है झुकती दुनिया सारी

झुकती दुनिया सारी,


झुकती दुनिया सारी

गजानन भगवन के 

दर की जो भी करेंगे सेवा

गौरीनंदन उनको 

देंगे साँचे सुख का मेवा,


साँचे सुख का मेवा 

साँचे सुख का मेवा

भक्ति और भावना 

की सुधा घोलिये

गणपति बाप्पा मोरया,


मंगलमूर्ति मोरया

भक्ति और भावना 

की सुधा घोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये

गणपति के भक्तों,

 

न कभी भी डोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये......||


विघ्न विनाशक एक 

दन्त का नाम बड़ा सुखदायी

शरणागत के दुखभंजन 

के सुख की दौलत पाई

सुख की दौलत पाई,

 

सुख की दौलत पाई

मूषकबाहु पे चढ़के 

ये तीन लोक में घूमें

पग पग गति की 

अनुपम धूलि 

सूरज चंदा चूमे,


सूरज चंदा चूमे 

सूरज चंदा चूमे

कभी अपने मन

 की भी आँखे खोलिये

गणपति बाप्पा मोरया

मंगल मूर्ति मोरया,


कभी अपने मन की 

भी आँखे खोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये

गणपति के भक्तों,


न कभी भी डोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये......||


शिव के राजकुँवर की 

करलो सच्चे मन से पूजा

तीन तरफ जग की 

सृष्टि में और नहीं है दूजा

और नहीं है दूजा, 


और नहीं है दूजा

रिद्धि सिद्धि का ये स्वामी

दया की दृष्टिवाले

सुख सम्पदा वहाँ पे 

बरसे उड़ते बादल काले

उड़ते बादल काले,


उड़ते बादल काले

वरष के तराज़ू में 

न इसे तोलिये

वरष के तराज़ू में 

न इसे तोलिये,


गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये

जय जय मंगलमूर्ति 

की मन से बोलिये,


गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये

गणपति के भक्तों 

न कभी भी डोलिये,


जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा,


जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा

जय जय गणपति बाप्पा.....||




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