घर जोत जगी महारानी की लिरिक्स (Ghar Jot Jagi Maharani Ki Lyrics in Hindi) - NARENDRA CHANCHAL Devi Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


घर जोत जगी महारानी की लिरिक्स (Ghar Jot Jagi Maharani Ki Lyrics in Hindi) - 


घर जोत जगी महारानी की 
अज नहीं जे नचना 
ते फेर कदो नचना
अज कृपा होई वरदानी की
अज नहीं जे नचना 
ते फेर कदोनचना ॥

मुदतां दे बाद घड़ी 
खुशियाँ दी आई ऐ
घर साड़े मेहरां 
वाली मेहर वरसाई ऐ॥

अज कृपा होई वरदानी की
अज नहीं जे नचना 
ते फेर कदो नचना ॥

खोल के भंडारे बेठी 
दाती सारे जग दी
वंड़दी मुरादा देखो 
किनी चंगी लगदी॥

छाल चली नहिंओ 
जानदी वरदानी दी
अज नहीं जे नचना
 ते फेर कदो नचना॥

दातिऐ जे आई ऐ 
ते हुन ऐथो जाई ना
बच्चेयाँ दे नाल तू 
विछोड़ा कदे पाई ना ॥

चंचल रख लाज निमाणी दी
अज नहीं जे नचना 
ते फेर कदो नचना ॥

घर जोत जगी महारानी की
अज नहीं जे नचना 
ते फेर कदोनचना ॥

अज कृपा होई वरदानी की
अज नहीं जे नचना 
ते फेर कदोनचना ॥


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